एयरटेल को पहली तिमाही में ₹4,160 करोड़ का मुनाफा:सालाना आधार पर यह 158% बढ़ा, आय ₹38,506 करोड़ रही; इस साल 45% चढ़ा शेयर
टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4,160 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 157.90% बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 1,613 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। अप्रैल-जून तिमाही में भारती एयरटेल का कॉसॉलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू (संचालन से आय) सालाना आधार पर 2.85% बढ़कर 38,506 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 37,440 करोड़ रुपए रहा था। एयरटेल का भारतीय व्यापार क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। इस साल 45% चढ़ा एयरटेल का शेयर
नतीजों के बाद एयरटेल का शेयर आज (सोमवार, 5 अगस्त) 1.66% गिरावट के बाद 1,469 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी के शेयर ने एक महीने में 2.75%, 6 महीने में 31.92% और एक साल में 64.80% का रिटर्न दिया है। एयरटेल का शेयर इस साल यानी 1 जनवरी 2024 से अब तक 45.01% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट-कैप 8.82 लाख करोड़ रुपए है। भारती एयरटेल का ARPU 211 रुपए रहा
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारती एयरटेल का ‘एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर’ (ARPU) 5.5% बढ़कर 211 रुपए रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 200 रुपए था। कंपनी ने 3 जुलाई से रिचार्ज की कीमतों में 25% तक बढ़ोतरी कर दी है। 1995 में हुई थी भारती एयरटेल की शुरुआत
भारत सरकार ने 1992 में पहली बार मोबाइल सेवा के लिए लाइसेंस बांटने शुरू किए। कंपनी के फाउंडर सुनील मित्तल ने इस अवसर को समझा और फ्रेंच कंपनी विवेंडी के साथ मिलकर दिल्ली और आस-पास के इलाकों के लाइसेंस हासिल किए। 1995 में मित्तल ने सेल्युलर सर्विस ऑफर करने के लिए भारती सेल्युलर लिमिटेड बनाई और एयरटेल ब्रांड के तहत काम शुरू किया।टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4,160 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 157.90% बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 1,613 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। अप्रैल-जून तिमाही में भारती एयरटेल का कॉसॉलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू (संचालन से आय) सालाना आधार पर 2.85% बढ़कर 38,506 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 37,440 करोड़ रुपए रहा था। एयरटेल का भारतीय व्यापार क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। इस साल 45% चढ़ा एयरटेल का शेयर
नतीजों के बाद एयरटेल का शेयर आज (सोमवार, 5 अगस्त) 1.66% गिरावट के बाद 1,469 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी के शेयर ने एक महीने में 2.75%, 6 महीने में 31.92% और एक साल में 64.80% का रिटर्न दिया है। एयरटेल का शेयर इस साल यानी 1 जनवरी 2024 से अब तक 45.01% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट-कैप 8.82 लाख करोड़ रुपए है। भारती एयरटेल का ARPU 211 रुपए रहा
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारती एयरटेल का ‘एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर’ (ARPU) 5.5% बढ़कर 211 रुपए रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 200 रुपए था। कंपनी ने 3 जुलाई से रिचार्ज की कीमतों में 25% तक बढ़ोतरी कर दी है। 1995 में हुई थी भारती एयरटेल की शुरुआत
भारत सरकार ने 1992 में पहली बार मोबाइल सेवा के लिए लाइसेंस बांटने शुरू किए। कंपनी के फाउंडर सुनील मित्तल ने इस अवसर को समझा और फ्रेंच कंपनी विवेंडी के साथ मिलकर दिल्ली और आस-पास के इलाकों के लाइसेंस हासिल किए। 1995 में मित्तल ने सेल्युलर सर्विस ऑफर करने के लिए भारती सेल्युलर लिमिटेड बनाई और एयरटेल ब्रांड के तहत काम शुरू किया।Read More