सीगल इंडिया का शेयर 4.5% ऊपर ₹419 पर लिस्ट:इश्यू प्राइस ₹401 था; इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन का काम करती है कंपनी
सीगल इंडिया लिमिटेड का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इश्यू प्राइस से 4.5% ऊपर ₹419 पर लिस्ट हुआ। वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 3% ऊपर ₹413 पर लिस्ट हुआ। इस IPO का इश्यू प्राइस ₹401 था। यह IPO 1 अगस्त से 5 अगस्त तक रिटेल निवेशकों के लिए ओपन था। तीन दिनों में यह IPO टोटल 14.01 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 3.82 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 31.26 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 14.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹1,252.66 करोड़ का था सीगल इंडिया का इश्यू
सीगल इंडिया लिमिटेड का ये इश्यू टोटल ₹1,252.66 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹684.25 करोड़ के 17,063,640 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹568.41 करोड़ के 14,174,840 शेयर बेच रहे हैं। मैक्सिमम 481 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
सीगल इंडिया लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹380-₹401 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 37 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹401 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,837 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 481 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशक को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,881 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन कंपनी है सीगल इंडिया लिमिटेड
सीगल इंडिया लिमिटेड एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसकी स्थापना 2002 में हुई थी। कंपनी एलिवेटेड रोड, फ्लाईओवर, पुल, रेलवे ओवरपास, ट्रनल, हाईवे और एक्सप्रेसवे सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन का काम करती है। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।सीगल इंडिया लिमिटेड का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इश्यू प्राइस से 4.5% ऊपर ₹419 पर लिस्ट हुआ। वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 3% ऊपर ₹413 पर लिस्ट हुआ। इस IPO का इश्यू प्राइस ₹401 था। यह IPO 1 अगस्त से 5 अगस्त तक रिटेल निवेशकों के लिए ओपन था। तीन दिनों में यह IPO टोटल 14.01 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 3.82 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 31.26 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 14.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹1,252.66 करोड़ का था सीगल इंडिया का इश्यू
सीगल इंडिया लिमिटेड का ये इश्यू टोटल ₹1,252.66 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹684.25 करोड़ के 17,063,640 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹568.41 करोड़ के 14,174,840 शेयर बेच रहे हैं। मैक्सिमम 481 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
सीगल इंडिया लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹380-₹401 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 37 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹401 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,837 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 481 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशक को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,881 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन कंपनी है सीगल इंडिया लिमिटेड
सीगल इंडिया लिमिटेड एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसकी स्थापना 2002 में हुई थी। कंपनी एलिवेटेड रोड, फ्लाईओवर, पुल, रेलवे ओवरपास, ट्रनल, हाईवे और एक्सप्रेसवे सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन का काम करती है। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।Read More