Business

MRF को पहली तिमाही में ₹571 करोड़ का मुनाफा:सालाना आधार पर 3% कम हुआ, कमाई 12% बढ़ी; शेयर में 5% की तेजी

भारत में टायर बनाने वाली कंपनी MRF यानी मद्रास रबर फैक्ट्री को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 571 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 3% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही यानी Q1FY24 में यह 588.75 करोड़ रुपए था। कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू (कमाई) की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में यह 7,196.45 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 11.74% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 6,440.29 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। नतीजों के बाद MRF के शेयर में ₹6,325 की तेजी
नतीजों के बाद MRF के शेयर में आज (8 अगस्त) दोपहर 1:37 बजे 4.70% या 6325.20 रुपए की तेजी देखी जा रही है। कंपनी का शेयर पिछले एक महीने में 9.03% और एक साल में 30.44% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। जबकि 6 महीने में 1.46% गिरा है। MRF का शेयर इस साल 8.48% रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 60 हजार करोड़ रुपए है। MRF का शेयर जनवरी में 1.5 लाख का हो गया था
MRF के शेयर्स ने जनवरी में इतिहास रच दिया था। MRF के स्टॉक ने 17 जनवरी को कारोबारी सत्र में 1.5 लाख रुपए का रिकॉर्ड आंकड़ा पार कर लिया था। इसके साथ ही ऐसा करने वाली MRF भारत की पहली कंपनी बन गई है। स्टॉक ने ट्रेडिंग सेशन के दौरान 1,50,254.16 रुपए का ऑल टाइम हाई और 52 वीक हाई भी बनाया था। हालांकि, यह 1.46% की गिरावट के साथ 1,34,600.05 रुपए पर बंद हुआ था। कारोबारी सत्र की शुरुआत में इसका शेयर 1,35,870 रुपए पर ओपन हुआ था। 2016 में 50,000 रुपए का था MRF का शेयर
MRF का शेयर साल 2000 में 1000 रुपए का था। वहीं 2012 में यह 10,000 रुपए के स्तर पर पहुंचा। इसके बाद 2014 में इस स्टॉक (शेयर) ने 25,000 रुपए का आंकड़ा छुआ था। फिर ये 2016 में 50,000 रुपए पर पहुंचा। साल 2018 में 75,000 और जून 2022 को MRF के शेयर ने 1 लाख का स्तर पार किया था। वहीं MRF का स्टॉक 1.5 लाख रुपए के आंकड़े को भी पार कर चुका है। MRF का स्टॉक आखिर इतना महंगा क्यों है?
इसके पीछे की वजह है कंपनी के शेयर्स का कभी स्प्लिट ना करना। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1975 के बाद से ही MRF ने अभी तक अपने शेयर्स को कभी स्प्लिट नहीं किया है। वहीं, साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के रेश्यो में MRF ने बोनस शेयर इश्यू किए थे। MRF दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट करती है
भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सिएट टायर्स MRF के कॉम्पिटिटर हैं। MRF के भारत में 2,500 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। इतना ही नहीं, ये कंपनी दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट भी करती है। MRF की टॉय-बैलून बनाने से हुई थी शुरुआत
चेन्नई बेस्ड MRF कंपनी का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है। इस कंपनी की शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी। 1960 के बाद से कंपनी ने टायर बनाना शुरू कर दिया था। अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरर है।भारत में टायर बनाने वाली कंपनी MRF यानी मद्रास रबर फैक्ट्री को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 571 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 3% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही यानी Q1FY24 में यह 588.75 करोड़ रुपए था। कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू (कमाई) की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में यह 7,196.45 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 11.74% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 6,440.29 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। नतीजों के बाद MRF के शेयर में ₹6,325 की तेजी
नतीजों के बाद MRF के शेयर में आज (8 अगस्त) दोपहर 1:37 बजे 4.70% या 6325.20 रुपए की तेजी देखी जा रही है। कंपनी का शेयर पिछले एक महीने में 9.03% और एक साल में 30.44% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। जबकि 6 महीने में 1.46% गिरा है। MRF का शेयर इस साल 8.48% रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 60 हजार करोड़ रुपए है। MRF का शेयर जनवरी में 1.5 लाख का हो गया था
MRF के शेयर्स ने जनवरी में इतिहास रच दिया था। MRF के स्टॉक ने 17 जनवरी को कारोबारी सत्र में 1.5 लाख रुपए का रिकॉर्ड आंकड़ा पार कर लिया था। इसके साथ ही ऐसा करने वाली MRF भारत की पहली कंपनी बन गई है। स्टॉक ने ट्रेडिंग सेशन के दौरान 1,50,254.16 रुपए का ऑल टाइम हाई और 52 वीक हाई भी बनाया था। हालांकि, यह 1.46% की गिरावट के साथ 1,34,600.05 रुपए पर बंद हुआ था। कारोबारी सत्र की शुरुआत में इसका शेयर 1,35,870 रुपए पर ओपन हुआ था। 2016 में 50,000 रुपए का था MRF का शेयर
MRF का शेयर साल 2000 में 1000 रुपए का था। वहीं 2012 में यह 10,000 रुपए के स्तर पर पहुंचा। इसके बाद 2014 में इस स्टॉक (शेयर) ने 25,000 रुपए का आंकड़ा छुआ था। फिर ये 2016 में 50,000 रुपए पर पहुंचा। साल 2018 में 75,000 और जून 2022 को MRF के शेयर ने 1 लाख का स्तर पार किया था। वहीं MRF का स्टॉक 1.5 लाख रुपए के आंकड़े को भी पार कर चुका है। MRF का स्टॉक आखिर इतना महंगा क्यों है?
इसके पीछे की वजह है कंपनी के शेयर्स का कभी स्प्लिट ना करना। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1975 के बाद से ही MRF ने अभी तक अपने शेयर्स को कभी स्प्लिट नहीं किया है। वहीं, साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के रेश्यो में MRF ने बोनस शेयर इश्यू किए थे। MRF दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट करती है
भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सिएट टायर्स MRF के कॉम्पिटिटर हैं। MRF के भारत में 2,500 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं। इतना ही नहीं, ये कंपनी दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट भी करती है। MRF की टॉय-बैलून बनाने से हुई थी शुरुआत
चेन्नई बेस्ड MRF कंपनी का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है। इस कंपनी की शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी। 1960 के बाद से कंपनी ने टायर बनाना शुरू कर दिया था। अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरर है।Read More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button